Top बबूल के फायदे और नुकसान Secrets
आंखों से पानी बहने पर बबूल के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इसमें शहद मिलाकर काजल की तरह लगाएं। इससे आंखों से पानी बहने की परेशानी ठीक होती है।
सिरका एसेटिक एसिड होता है जिसे किसी स्किन केयर में भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए.
इसके गोंद को पानी में डालकर उसकी पिचकारी देने से मूत्राशय की सूजन, सुजाक की जलन और पीब रुक जाता है।
बबूल के निम्न भाग का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है।
मुखपाक, मसूड़ों से खून जाना, गले में दर्द : छाल का काढा बनाकर कुल्ले करने से लाभ होता है।
बबूल की गोंद को भूलकर भी खाया जा सकता है।
पत्ते: इसके पत्ते मलरोधक होते हैं। यह चरपरे, रुचिकारक, खांसी, वात, कफ और पाइल्स को दूर करते हैं।
दाद (खुजली) को ठीक करने के लिए बबूल के फूलों को सिरके में पीस लें। इसे खुजली (दाद) वाले अंग पर लगाएं। दाद और खुजली में लाभ होता है।
टॉन्सिल ठीक करे बबूल के गोंद का सेवन करने से टॉन्सिल के कारण होने वाली सूजन से निजात मिलती है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण टॉन्सिल से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।
दर्पनाशक – बबूल का दर्पनाशक वनफ्शा है।
बबूल की छाल में मिश्री मिलाकर पीने से शरीर में होने वाले जलन की समस्या में आराम मिल सकता है।
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बबूल गोंद का सेवन दही या छाछ के साथ मिलाकर किया जा सकता है।
मुंह के छाले : छाल को पानी में दाल कर कुल्ला करना चाहिए।